हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी और इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ़्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही थी। जिसको लेकर अनुसूचित जाति/जनजाति समाज में नाराजगी बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से एससी/एसटी एक्ट का डर कम होने और परिणामस्वरूप दलितों के प्रति भेदभाव और उत्पीड़न के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसी के चलते देशभर में धरने प्रदर्शन जारी हैं।
इसी क्रम में दादरी विधानसभा से जननेता और पूर्व विधायक प्रत्याशी (राजसपा) राजकुमार गौतम ने एससी/एसटी एक्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमजोर करने के विरोध में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें बड़ी संख्या में पिछड़े समाज के लोग उनके साथ रहे। इस मौके पर राजकुमार गौतम जी ने कहा कि, "एससी/एसटी एक्ट से दलित समाज का बचाव होता था। एससी-एसटी एक्ट के तहत रुकावट थी कि इस समाज के साथ ज़्यादती करने पर क़ानूनी दिक्कतें आ सकती थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से ये रुकावटें पूरी तरह ख़त्म हो गई हैं। इससे समाज के लोग दुखी और आहत हैं और स्वयं को पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।"